भारत का गौरव
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वही भारत का गौरव है, उसी का मान करते हैं
उसी की प्रेरणा – शिक्षा,अनोखी शक्ति भरते हैं
वही बापू हमारा है,जिसे कहते हैं सब गांधी
उसी की कोशिशों से हम,खुले नभ में विचरते हैं
पहन धोती का इक चोला , दिलायी मुक्ति बंधन से
बहुत दुबली थी काया पर, विरोधी अब भी डरते हैं
अहिंसा-सत्य आभूषण था उस जीवट मनस्वी का
अमर आदर्शों पे उसकी, नयी बुनियाद धरते हैं
वो बातें मोतिहारी की या चंपारण की हों रातें
अथक उसकी थी मेहनत हम, अभी भी नाज करते हैं
हवा में उसकी ख़ुशबू है, गगन का चाँद जैसा वह
उसी से ले के ऊर्ज़ा हम,सफ़र जीवन का करते हैं
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